Gymnastic history in India
भारत में जिमनास्टिक के बारे में कुछ ज्यादा नहीं कहा जा सकता है क्योकि जिमनास्टिक खाल में भारत की उपलब्धि बहुत कम है उसके अनेको कारण है जिमनास्टिक खेल मुख्यत तकनीक पर निर्भर करता है तकनीक सिखने के लिक उपकरण और एक अच्छा कोच की आवश्कता पड़ती है और ये दोनों हमारे देश के पास नहीं थे इनके कारण हमारे खिलाडी अच्छे से प्रैक्टिस नहीं कर पाते थे और उनका परदशन सुधर नहीं पाता था हमारे पास खिलाडी बहुत थे पर वे राज्य और राष्ट स्तर पर अच्छा पर्दशन के बावजूद अंतर्राष्ट्य स्तर पर अच्छा पर्दशन नहीं क पाते थे जिसका कारण मुख्य रूप से सिर्फ अच्छे उपकरण और कोच का अभाव था
Development in Gymnastics of India
काफी वर्षो तक खिलाडी अपने पर्दशन मे सुधार करते रहे | इसी परिश्रम का परिणाम था की सन 2010 का कॉमनवैल्थस गेम्स में आशीष कुमार ने जिमनास्टिक में दो ब्रॉन्ज़ मैडल जीते जो उसने फ्लूओर एक्सरसाइज और वॉल्ट में प्राप्त किये और देश को पहले मेडल दिलाए और इसके बाद ही 2014 में हुए कामनवेल्थ गेम्स में वॉल्ट में ब्रोंज मेडल और 2015 में एशिया चैंपियनशिप में भी वॉल्ट में ब्रॉन्जस मैडल प्राप्त किया वही 2016 में हुए रिओ ओलिम्पिक में भी पहली बार इंडिया को 4th प्लेस दिलाई उसका बाद अरुणा रेड्डी जो वर्ल्ड चैंपियनशिप जिमनास्टिक्स में इंडिया की तरफ से 2013 , 2014, 2017 हिस्सा लिया लेकिन 2018 मे भारत को ब्रोंज मेडल दिलाया और आगे भी हमे उम्मीद है की हमारे देश के लिए अच्छा खेलकर देश का नाम रोसन करायगे
जिमनास्टिक तीन प्रकार के होते है
1- Artistic Gymnastic ( कलात्मक जिमनास्टिक )
२-Rhythmic Gymnastic ( लयबंध जिमनास्टिक )
3 -Aerobic Gymnastic (एरोबिक जिमनास्टिक )
1 - Artistic Gymnastic
Men Events
1-Floor exercise
2-Pommel Horse3-Still Rings
4-Vault
5-Parallel Bar
6-Horizontal Bar
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