खेल संचालन ( Officiating) , महत्व एवं सिद्धांत (Importance & Principle


खेल संचालन ( Officiating) , महत्व एवं सिद्धांत (Importance & Principle) 


मनुष्य प्राचीन काल से ही खेल खेलता आया है धीरे-धीरे उसने खेलकूद में मनोरंजन का भाव भी शामिल किया और मनुष्य शारीरिक स्वास्थ्य तो बेहतर बनाने के लिए भी खेल खेलने लगा यदि किसी भी खेल को उसके नियमों के अनुसार वैसे ही व्यक्तित्व के साथ खेला जाए तो वास्तव में खेल खेलने का अपना अलग ही मजा है प्राचीन काल से ही खेलों को खेल के अनुरूप खेलते हैं उस समय के खेल राजाओ महाराजाओं की देखरेख में खेले जाते थे तथा खेलों का संचालन भी मुख्य रूप से विशेष किया जाता था


लोगों को बैठने की अच्छी व्यवस्था की जाती थी खेल को खिलाने के लिए मुख्य रूप से एंपायरओं का प्रयोग किया जाता था उस समय भी है माननीय था कैसे भी खेल को सही तरीके से खेलने के लिए खेलों के संचालन की आवश्यकता होती थी


खेलों का संचालन ही खेल को वास्तविक रूप से खेलने का दर्जा देता है आज के इस युग में किसना किसी देश या प्रदेश में खेलों का आयोजन होता रहता है जिसे मुख्य रूप से संचालन किया जाता है बिना संचालन के खेलों को खेलना व्यर्थ सही माना जाता है खेलों के संचालन के लिए मुख्य रूप से निम्न निम्न बातों पर ध्यान देना जरूरी है निर्णायक , रेफरी , निर्माण व्यवस्था , खेल का विशेष मैदान , आवश्यक उपकरण , खिलाड़ी एवं देखना है दर्शकों के लिए विशेष प्रबंध , वे सभी बातों का ध्यान रखने के लिए कमेटी का प्रयोग करना जरूरी है


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खेल संचालन व्यवस्था (Officiating)


खेल संचरण व्यवस्था का अर्थ होता है खेल को सही तरह से चलाने के लिए विशेष प्रबंध अर्थात किसी भी को खेल को खिलाने के लिए विशेष निर्णायक , रेफरी अधिकारियों का प्रयोग किया जाता है जो खेल के सभी नियम जानते हो स्पष्ट रूप से दोनों ही दलों के खेल को ध्यान में रखते हुए खेल निरीक्षक करें तब ही खेल आयोजन का महत्व होगा


खेल संचालन व्यवस्था सभी परिस्थितियों में खेल को व्यवस्थित करती है खेल में मौजूद विभिन्न परिस्थितियों को भी सामान्य बनाने का प्रयास करती है न्याय पूर्वक खेल खेलने में लाभकारी होती है सभी खिलाड़ियों को समान व्यवहार से देखते हैं


खेल संचालन व्यवस्था का महत्व ( Importance of Officiating)


खेल दो टीमों के मध्य खेला जाता है इसे खेल को जीतने के लिए दोनों ही टीम अपनी तरफ से  पूरी कोशिश करती है जिसमें कुछ टीमें अयोग्य साधनों का इस्तेमाल भी करती है इन्हीं सभी चीजों का ध्यान रखने के लिए खेल संचालन व्यवस्था का प्रयोग किया जाता है जिससे कोई भी व्यक्ति या खिलाड़ी खेल के नियमों के विरुद्ध जाने की कोशिश ना करें


कोई भी खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ी को घायल करने का प्रयास ना करें दोनों ही टीमों में भाईचारे बना रहे श्री बातों का ध्यान रखने के लिए खेल संचरण व्यवस्था का प्रयोग किया जाता है


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न्याय पूर्वक निर्णय


खेल प्रतियोगिता के दौरान एक निर्णायक या गैलरी द्वारा निष्पक्ष एवं न्याय पूर्वक फैसला सुनाने पर सभी खिलाड़ियों को अपनी योगिता दिखाने का पूर्ण मौका मिलता है साथी साथ खेल को े संपूर्ण नियमों के अनुसार ही खिलाना एक निर्णायक या रैफरी कार्य होता है ऐसा करने पर खिलाड़ी में अपने खेल को उभारने में बढ़ाने, सहायता होती है


खेल भावना का विकास


खिलाड़ियों में खेल भावना तभी बढ़ेगी जब खेल के दौरान न्याय पूर्वक निष्पक्ष फैसला सुनाया जाएगा उस स्थिति में उन खिलाड़ियों में आपसी भाईचारा बना रहेगा मैं खेल भावना बनी रहेगी अपनी गलतियों को मरने का पूरा मौका मिलेगा अबे न्याय पूर्वक में सही ढंग से खेलने का प्रयास करेंगे 


खिलाड़ियों में मित्र भावना का विकास


कोई भी खेल दो टीमों के विरुद्ध खेला जाता है जिसमें जीत केवल एक ही टीम को मिलती है जबकि दूसरी टीम को हार का सामना करना पड़ता है एक निष्पक्ष एवं न्याय पूर्वक खेल संचालन व्यवस्था का प्रभाव काफी महत्वपूर्ण होता है इसमें टीमों को अपनी गलती समझने का पूरा मौका मिलता है अपनी मेहनत से जीती है तथा उन्हें अपना खेल योगिता दिखाने का पूरा मौका मिलता है


शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य का ध्यान रखना


शारीरिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को शारीरिक मानसिक रूप से स्वस्थ बनाना है साथ में उनके आपसी भाईचारे को बढ़ाना , एवं उन्हें मिलजुल कर एक दूसरे की सहायता करना , गलती करने पर लोगों को समझाना  , अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण करना  

खेल संचालन व्यवस्था के न्याय पूर्वक एवं सही ढंग से खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन करने से सभी खिलाड़ियों के शारीरिक शिक्षा के उद्देश्यों की भी पूर्ति होती है


खिलाड़ियों एवं दर्शकों में मनोरंजन की भावना


जब कोई भी खेल सही ढंग से खेला जाएगा तब उसी स्थिति में खिलाड़ी एवं दर्शकों को खेल को देखने में खेलने में बहुत मजा आएगा साथी साथ खेल के सभी नियम एवं कानून सही ढंग से लागू हो खेल नायक अपना निर्णय न्याय पूर्वक ढंग से दे खिलाड़ियों को खेल योग्यता दिखाने का पूरा मौका मिले वह हारी हुई टीम को अपनी गलती सुधारने का संपूर्ण ज्ञान हो


खेल संचालन व्यवस्था के सिद्धांत (Principle of Officiating)


खेल संचालन व्यवस्था के मुख्य उद्देश्य न्याय पूर्वक एवं उत्साहित रूप से खेलों का आयोजन करना एवं अनुशासनहीनता को रोकना इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए खेल संचालन व्यवस्था में निम्न योग्यताओं का होना जरूरी है


नियमों का ज्ञान


हर एक निर्णायक अधिकारी को खेल के संपूर्ण नियमों का ज्ञान होना अति आवश्यक है नियमों के उल्लंघन करने पर खिलाड़ी को दंडित कर सकते हैं साथ ही साथ खेल को सही ढंग स खिलाने में अपना े विशेष योगदान दे सकते हैं


खेलों का गहरा अध्ययन


खेल के नियमों का ज्ञान होना केवल निर्णायक एवं रैफरी के लिए आवश्यक होता है जबकि उस खेल का संपूर्ण ज्ञान होना विनायक अधिकारी के हाथ में होता है क्योंकि उस खेल के दौरान कोई भी ऐसा कार्य जो इस खेल के नियमों कायदों के खिलाफ है इसका फैसला केवल तभी किया जा सकता है अपने नायक अधिकारी को उस खेल का गहरा अध्ययन हो


द्वारा कोई भी खेल उल्लंघन करने पर केवल तब ही उसे दंडित किया जा सकता है जब निर्णय का अधिकारी को उस उल्लंघन का ज्ञान होगा निर्णायक अधिकारी को दोनों टीमों में समानता बनानी जरूरी है न्याय पूर्वक फैसला देना आवश्यक है


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शारीरिक एवं मानसिक( तंदुरुस्ती या स्वस्थता)


खेल के दौरान निर्णायक अधिकारी रैफरी का शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी होता है केवल तभी वह सही ढंग से खेल खिला सकता है क्योंकि यदि निर्णायक की शारीरिक व मानसिक हालत ठीक नहीं होगी अबे सही ढंग से फैसला नहीं ले पाएगा जिससे खेल में कहीं ना कहीं रुकावट आती रहेगी


खेल को पास से देखना


निर्णय के खेल संचालन का खेल को पास सेवा सदन से देखना जरूरी होता है तभी वह खेल के दौरान हो रहे नियमों के नियमों के उल्लंघन  को देख सकेगा दूर से खड़े होकर खेल को सही प्रकार से नहीं देखा जा सकता इसलिए निर्णायक के खेल को पास से देखना काफी जरूरी हो जाता है


क्रिया को पूरा होने पर फैसला देना


एक निर्णायक द्वारा यह जानना जरूरी है कि वह क्रिया पूरी हुई है या नहीं किसी भी क्रिया के पूरा होने के पश्चात ही उसका फैसला देना काफी जरूरी होता है ओवरकॉन्फिडेंस में आकर क्रिया को पूरा से पहले ही फैसला देना गलत होता है खिलाड़ियों का जज अधिकारियों पर विश्वास बनाना काफी जरूरी होता है


गलत फैसले को बदलना


यदि निर्णायक को ऐसा लगता है कि उसने जल्दबाजी में गलत फैसला दे दिया है तो वह रूप से चलाने के लिए अपने फैसले को बदल सकता है जिससे खिलाड़ियों पर नायक का विश्वास बना रहेगा ढंग से चलता रहेगा


निर्णय उचित समय पर देना


किसी भी निर्णायक द्वारा अपना फैसला या निर्णय जल्दी बाजी है या देरी से नहीं देना चाहिए उसे उचित सोच समझकर अपना फैसला देना चाहिए जिससे उसे बाद में अपना फैसला बदलना ना पड़े और उसके काबिलियत पर किसी को शक ना हो हेलो सर सही ढंग से सोच समझकर उचित फैसला देना चाहिए


आवश्यकता पड़ने पर खिलाड़ियों को नियमों को समझाना


आवश्यकता पड़ने पर एक अच्छे निर्णय को खिलाड़ियों को नियम नियमों का ज्ञान देना भी पड़ता है जिससे वे खिलाड़ी गलत यह मौके ज्ञान से वंचित ना रहे पुणे सही ढंग से सही नियमों के साथ खेलना आ सके


अच्छे व्यक्तित्व से खिलाना


निर्णायक का का व्यक्तित्व भी अच्छा व साफ सुथरा होना चाहिए वह हंसमुख वह शांत स्वभाव का होना चाहिए खेल की भली-भांति समझ होनी चाहिए 


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