एशियाई खेलों की शुरुआत , उसका इतिहास


 एशियाई खेलों की शुरुआत ,  उसका  इतिहास



भारत का खेलकूद से काफी पुराना रिश्ता रहा है भारत में आधुनिक ओलंपिक से काफी नाम कमाया था परंतु एक समय बाद भारत के उपलब्ध ही का स्तर अधिक नहीं रहा काफी कम अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेना खिलाड़ी मौसम स्तर के प्रतिबंधित नहीं मिल रहे थे उनका स्तर भी नहीं बढ़ पा रहा था


जी डी सोंधी जिन्हें एशियाई खेलों का जनक कहा जाता है उनके बढ़ते प्रयासों से भारतीय खेल स्तर को बढ़ाने का प्रयास चल रहा था


की स्वतंत्रता के बाद बने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का ध्यान योगिता पर कराने का महत्व पूर्ण प्रयास जीटी सोंधी द्वारा किया जाने लगा उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ इस विचार पर काफी कांफ्रेंस के इसमें खेलों की तरफ से आए प्रतिनिधियों का ध्यान खेलों की ओर आकर्षित करने हेतु नेहरू जी ने अपनी सहमति जताई


एशियाई खेलों की शुरुआत ,  उसका  इतिहास


सन 1948 ईस्वी में लंदन में ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया चींटी सुन देना अपना विचार रखा कि एशियाई खेलों के खिलाड़ी यूरोप में होने वाली प्रतियोगिता में अच्छा दर्शन नहीं कर पा रहे हैं इस पर उन्होंने एशियाई खेलों का आपस में मुकाबला अपने राय रखी जिससे कि उनका प्रशिक्षण लेवल भी बढ़ सकें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बताओ में अच्छा प्रदर्शन कर सकें


1948 में लंदन में एक सभा आयोजित की गई खेलो भी शामिल रहे एशियाई देश जैसे भारत कोरिया श्रीलंका आदि देश शामिल रहे सभी सभी ने अपना सुझाव दिया कि किस प्रकार से खेलों का आयोजन आयोजित हो सके 1949 में सभी देशों ने अपने आयोजन से संतुष्टि जाहिर की इस सभा में एशियाई एथलेटिक्स एसोसिएशन का भी गठन हुआ साथ ही एशियाई खेलों के प्रत्येक 4 वर्ष में एक बार होने का फैसला किया गया साथ ही सभी योजना को भी विस्तार पूर्वक समझा गया


प्रथम एशियाई खेलों का आयोजन नई दिल्ली में सन 1954 में 4 से 11 मार्च को आयोजित किया गया

प्रथम एशियाई खेलों में कुल 11 देशों ने भाग लिया जो निम्न प्रकार से भारत जापान ईरान श्रीलंका बर्मा मलाया थाईलैंड फिलिप्पे नेपाल


प्रथम एशियाई खेलों में सबसे अधिक पदक जापान ने हासिल किए जिसके बाद दूसरे स्थान भारत का था


ऐसे क्षणों में कुल 17 देशों को शामिल किया गया जिसके बाद में परिवर्तन भी होते रहे


प्रथम एशियाई खेलों में शामिल होने वाले खेल फुटबॉल कुश्ती वॉलीबॉल बॉक्सिंग बास्केट बॉल बैडमिंटन 13 की जिमनास्टिक तलवारबाजी लॉन टेनिस साइकिल इन टेबल टेनिस निशानेबाजी एथलेटिक्स भारोत्तोलन कबड्डी ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा को सुबह महिलाओं दोनों के लिए जब के बाहर उत्तल साइकिलिंग बास्केटबॉल फुटबॉल केवल पुरुषों के लिए उपस्थित थे


उद्देश्य


खेल संभावनाओं को बढ़ावा देना


हमेशा खेल भावना को बनाए रखने हेतु अपने कोच मैनेजर साथ में प्रतिबंधित टीम सभी सम्मान करता है खेल को सही तरीके से खेलना


खेल के प्रति उत्तरदाई रहना


खेल के प्रति उत्तरदाई रहे अपने सभी कर्तव्य को निभाई खेल के प्रति अपनी मेहनत को बनाए रखें


मनोबल बनाए रखना


अजीत सभी खेलों का हिस्सा होता है इसमें एक को हार का सामना जबकि एक को जी प्राप्त रमेश कल सोते सीकर जीत के काबिल बनाने के लिए मेहनत करनी चाहिए और कभी भी अपना मनोबल कम नहीं करना चाहिए


खेलों के द्वारा शारीरिक व मानसिक विकास होना


द्वारा मनुष्य का शारीरिक व मानसिक विकास होता है जो मनुष्य को समाज में एक अच्छा व्यक्तित्व प्रदान करता है


उद्घाटन समारोह


प्रथम एशियाई खेलों का उद्घाटन समारोह रोमांचक था जिसमें लगभग 40000 दर्शक नेशनल स्टेडियम में मौजूद थे प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद घोड़े पर उद्घाटन स्थल पर पहुंचे जिसमें प्रधानमंत्री राष्ट्रपति उच्च अधिकारी व समिति के सदस्य मौजूद रहे


मार्च पोस्ट निकाला गया साथ ही लाल किले पर 21 तोपों की सलामी के साथ आगमन हुआ सभी सो जाओ उपस्थित थे के ध्वज कराए गए ऐसे खेलूंगा मशाल थामने का जब सम्मान दो बार के ओलंपिया 55 वर्षीय ब्रिगेड सिंह को दिया गया पूरे स्टेडियम का राउंड लगा कर उन्होंने ज्योति जला दे


शपथ


सभी खिलाड़ियों को शपथ दिलाई गई साथ ही प्रधानमंत्री ने सभी खिलाड़ियों को खेल की भावना को बढ़ाने देने के लिए क्या जिसके बाद समारोह को शुरू करने का ऐलान किया गया

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