Defination & Qualities of a Coach in sports , Hindi


Defination & Qualities of a Coach in sports in Hindi


कोच की परिभाषा एवं गुण / 10 गुण एक कोच के / एक कोच के अंदर क्या-क्या गुण है / कोच के क्या कर्तव्य होते हैं


कोच ( COACH ) 


जब हम किसी खिलाड़ी को अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखते हैं तो कहीं ना कहीं उसके इस अच्छे प्रदर्शन के लिए उसके कोच में प्रशिक्षक का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है क्योंकि खिलाड़ी को निम्न स्तर से ऊंचे स्तर तक का प्रदर्शन कराना केवल एक कोच के द्वारा ही संभव हो पाता है क्योंकि कोच्चि खिलाड़ी की गलतियों को सुधारना है

 उसे शारीरिक व मानसिक रूप से सशक्त बनाता है इसीलिए किसी भी खेल मैं अच्छा प्रदर्शन करने हेतु एक अच्छे प्रशिक्षण के कोच की आवश्यकता होती है जो हमारी शारीरिक योग्यता को समझते हुए हमें खेल के अनुरूप हो या क्रियाओं के लिए सशक्त बनाए क्योंकि सभी खिलाड़ियों की शारीरिक क्षमता में योग्यताएं भिन्न-भिन्न होती है उन्हें समझ कर उन्हें खेल के प्रति उनकी क्षमताओं को बढ़ाएं उसे ही एक सच्चा प्रशिक्षण कहते हैं


 प्रशिक्षक या कोच की परिभाषा ( DEFINATION OF A COACH )


प्रशिक्षक एक ऐसा व्यक्ति होता है जो खिलाड़ी के प्रदर्शन को निम्न स्तर से उच्च स्तर तक ले जाने का प्रयास करता है या खिलाड़ी की सहायता करता है प्रशिक्षक के द्वारा ही खिलाड़ी के शारीरिक क्षमता के साथ साथ मानसिक क्षमता को भी खेल के परिपूर्ण बनाया जाता है


प्रशिक्षक तकनीक कौशल ज्ञान और व्यवहार सिखाने के एक ऐसी प्रक्रिया होती है किसी भी खिलाड़ी की योग्यताओं को क्षमताओं को उसके प्रदर्शन को उचित सीमा तक सुधार दिलाएं


एक कोच की शैक्षिक योग्यता ( QUALIFICATION OF A COACH )


वर्तमान काल में एक कोच का अच्छा पढ़ा लिखा होना काफी आवश्यक है जिससे वह दूसरे देशों के कोच से भी कुछ सीख सके साथी साथ टीम के खिलाड़ियों को अच्छे से सभी रूल रेगुलेशन एवं तकनीकों का ज्ञान दे सके जिसके लिए आवश्यक है कि एक खोज प्रशिक्षित हो मुख्य रूप से यह देखा गया है कि यदि कोर्ट द्वारा प्रोफेशनल फिजिकल एजुकेशन कोर्स किए गए हैं तो वह ज्यादा असरदार है क्योंकि फिजिकल एजुकेशन कोर्स इसके अंदर काफी अच्छे से शारीरिक गतिविधियां काफी अच्छे से ज्ञान कराया जाता है जिसके अंदर BSC PHYSICAL EDUCATION , B.P.E.S , B.P.E  , B.P.ED  , M.P.E.D , C.P.ED , D.P.ED , M.PHILL , PHD , N.S.N.I.S , B.SC & M.SC IN SPORTS COACHING , CERTIFICATE IN SPORTS COACHIND आदि कोर्स आते हैं इन कोर्स को करने के बाद खिलाड़ी में एक कोच बनने के गुण आ जाते हैं जिससे मैं दूसरे खिलाड़ियों को अच्छे से शारीरिक गतिविधियों का ज्ञान का आ सकता है


कोच के गुण ( QUALITIES OF A COACH )


निपुणता या सक्षमता 


एक खिलाड़ी के प्रदर्शन में सुधार के लिए यह भी जरूरी होता है कि प्रशिक्षक या कोच उस खेल में निपुण है या नहीं , अर्थात यदि प्रशिक्षक या कोच को

उस खेल के प्रति सभी नियम , कौशल , तकनीक वह व्यक्तिगत निपुणता होनी आवश्यक है यदि प्रशिक्षक के कोच अपने विषय में निपुण है तभी वह खिलाड़ी को प्रभावशाली ढंग से प्रदर्शन में सुधार दिला सकता है


अच्छा पढ़ा लिखा होना ( GOOD EDUCATIONAL BACKGROUND )


उसका अच्छा पढ़ा लिखा होना जरूरी होता है जिससे मैं दूसरे कोचों से भी कुछ सीख सकता है साथ ही बच्चों को भी अच्छे से प्रोफेशनल तरीके से सिखा सकता है इसलिए कोर्स को पढ़ा लिखा होना होना जरूरी है कोच को कम से कम ग्रेजुएट या फिर वह फिजिकल एजुकेशन के क्षेत्र से शिक्षा प्राप्त किए जिससे उसको उसका दूसरे को जो से कम्युनिकेशन में बच्चों से भी अच्छा कम्युनिकेशन बना रहता है 


एडेप्टेशन पावर ( ADEPTATION POWER)


कोच के अंदर अडॉप्टेशन पावर होनी अनिवार्य है जिससे वह बच्चे की योग्यता को समझ कर उसी के अनुरूप उसको सिखाएं इसलिए कोष के अंदर सोचने समझने की क्षमता भी अधिक होनी चाहिए एक अच्छे कोच बनने के लिए एडमिशन पावर का होना जरूरी है साथ ही साथ सभी बच्चों को उनकी योग्यता के अनुसार ही ट्रेनिंग देनी चाहिए 


मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं के ज्ञान ( KNOWLEDGE OF PSYCHOLOGICAL REACTIONS )


जब किसी भी खिलाड़ी को ट्रेनिंग दी जाती है तो धीरे-धीरे के अंदर कुछ मनोवैज्ञानिक बदलाव आने लगते हैं जिन बदलाव को एक कोच को समझना काफी जरूरी होता है यह मनोवैज्ञानिक बदलाव खिलाड़ी की इंजरी ,खिलाड़ी के परफॉर्मेंस , खिलाड़ी पर ओवरलोड , या खिलाड़ी की योग्यता को दर्शाते हैं साथ ही साथ यह खिलाड़ी को समझने में भी सहायता करते हैं एक खिलाड़ी का अपने खेल को लेकर सीरियस होना मेहनत करना बस इतना यह सभी इंसान मनोवैज्ञानिक बदलाव पर ही निर्भर करता है 


खिलाड़ियों के अनुरूप ट्रेनिंग 


एक अच्छे कोच को खिलाड़ी की योग्यता को समझते हुए अलग-अलग साधारण ट्रेनिंग का प्रयोग करना चाहिए या प्रशिक्षण का प्रयोग करना चाहिए या विधि का प्रयोग करना चाहिए जो खिलाड़ी की समझ में आ रहे हो साथ ही साथ खिलाड़ी उनसे अपनी योग्यता में भी बदलाव कर सकें सभी खिलाड़ी की योग्यता , क्षमता एक समान नहीं होती उनकी क्षमता को समझते हुए ही उन्हें प्रशिक्षण देना चाहिए 


खेल भावना ( SPORTSMAN SPIRIT )


एक कोच को हमेशा सीरियस रहना चाहिए अपने खेल को लेकर , उन्हें अपने विद्यार्थियों की गलतियों को सुधार कर उन्हें खेल के लिए सीरियस करना चाहिए खेल के सभी रूल अच्छे से सिखाने चाहिए साथ ही साथ खिलाड़ी को मानसिक व शारीरिक दोनों रूप से सशक्त बनाना चाहिए खिलाड़ी के मन का ध्यान रखते हुए ही उसे ट्रेनिंग देनी चाहिए खिलाड़ी को ज्यादा ओवरलोड नहीं देना चाहिए धीरे-धीरे उसकी ट्रेनिंग को इंप्रूव करना चाहिए खिलाड़ियों में खेल भावना को बनाए रखना जरूरी होता है जो कि एक कोच की जिम्मेदारी होती है 


खिलाड़ियों के साथ अच्छा तालमेल ( CORDINATION BETWEEN COACH-PLAYER)


एक कोच का अपने खिलाड़ियों के साथ अच्छा तालमेल होना जरूरी होता है जिससे मैं खिलाड़ी की सभी स्थितियों में सहायता कर सकता है चोट लगने पर खिलाड़ी की मदद कर सकता है खिलाड़ी पर किसी भी प्रकार का मानसिक दबाव नहीं देना चाहिए खिलाड़ी को प्रोफेशनल व फ्रेंडली ब्यावर रखना चाहिए खिलाड़ी को एक दोस्त की तरह समझाना चाहिए गलती होने पर उसकी गलती को समझाना चाहिए उसे प्यार में खेल भावना के साथ खेल खेलने का प्रयास कर आना चाहिए एक कोस का खिलाड़ी को एवं खिलाड़ी का खोज को समझना जरूरी होता है इसलिए उनका आपसी तालमेल होना बहुत जरूरी होता है 


खेल का संपूर्ण ज्ञान होना ( COMPLETE KNOWLEDGE OF THE GAME )


आधुनिक काल में खेलों में अनेकों बदलाव होते आ रहे हैं जिन का संपूर्ण ज्ञान एक कोच को होना जरूरी है जिससे वह खिलाड़ियों को अच्छे वह सही ढंग से खेल के सभी नियम कौशल, तकनीक , वह तरीका सिखा सके जिससे खिलाड़ी अपनी योग्यता व क्षमता को बढ़ाकर सभी खेल क्रियाओं को सही ढंग से कर पाए इसीलिए को खेल के संपूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है समय-समय पर अपने समझाने के तरीकों में बदलाव करना चाहिए उन्हें आसान बनाना चाहिए


    कोच की जिम्मेदारी (Responsibility of a coach) 

 


- एक कोच की जिम्मेदारी है होती है कि मैं खिलाड़ी को अच्छी ट्रेनिंग दे 


-उसके गेम को इंप्रूव करें 


 - खिलाड़ी की फिटनेस को बेहतर बनाएं 


- खिलाड़ी को बेहतर इंसान बनाएं , 


 - खिलाड़ी के अंदर खेल भावना को बनाए रखें 


- खिलाड़ियों को बड़े का आदर करना सिखाए 


- खिलाड़ी में अच्छी आदतों का विकास करें 


- खिलाड़ी को बुरी आदतों से दूर रखें 


- खिलाड़ी को खेल के लिए सीरियस बनाएं 


- समय-समय पर खिलाड़ी का टेस्ट ले उसकी गलतियों को सुधारें 


- समय-समय पर अब ट्रेनिंग के तरीकों में बदलाव करें ट्रेनिंग को असरदार बनाएं

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