एरोबिक तथा एनारोबिक क्रिया क्या होती है


Aerobic(एरोबिक )

एरोबिक तथा  एनारोबिक क्रिया क्या होती है


एरोबिक का  अर्थ है 'ऑक्सीजन  के साथ'  अर्थात वे सभी  क्रिया जो ऑक्सीजन की उपस्थिति में की जाती है एरोबिक व्यायाम के अंतर्गत ऑक्सीजन की उपस्थिति में किये जाने वाले सभी व्यायाम से मासपेशिओ में ऊर्जा पैदा होती है|.            

             
 एरोबिक व्यायाम में अनेको प्रकार के व्यायाम सम्मिलित होते है जो सभी ऑक्सीजन की उपस्थिति में किया जाते है जो सभी मध्य स्तर की अवधि तक किये जाते है जो हमारी ह्र्दय की गति में वृद्धि करते है तथा फेफड़ो पर भार डालते है जिससे ऑक्सीजन की माँग शरीर द्वारा बढ़ जाती है

 जब हमारा शरीर किसी शारीरिक  क्रिया को लगातार करता है तो कार्य करने हेतु ऊर्जा की खपत होती रहती है जिससे ऊर्जा के मांग शरीर द्वारा बढ़ जाती है जिसकी पूर्ति हमे ऑक्सीजन द्वारा प्राप्त होती हैऑक्सीजन के द्वारा हमारे हमे वसा और ग्लूकोस प्राप्त होता है जिससे हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं तक मूल ऊर्जा वाहक एडिनोसिन ट्रीफॉस्फेट का उत्पादन हो सके जिस क्रिया में ग्लूकोस ग्लाइकोजन में टूट जाता है   और  हमारे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है जिससे  हमारा शरीर लगातार शारीरिक क्रिया कर सकता है |

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एरोबिक व्यायाम के अंतर्गत हम मध्य गति से  लम्बे समय तक क्रिया कर सकते है

 

एरोबिक व्यायाम के प्रकार ( Types of aerobic exercise )

  1. एरोबिक नृत्य 
  2. रस्सी कूदना 
  3. दौड़ना 
  4. तैरना 
  5. सीढ़िया चढ़ना 
  6. साइकिलिंग
  7. सैर  करना





   



Anaerobic(एनारोबिक ) 

एनारोबिक का अर्थ है 'बिना ऑक्सीजन के' अर्थात वे सभी क्रिया जो ऑक्सीजन की उपस्थिति के बिना की जाती है एनारोबिक व्यायाम के अंतर्गत सभी शारीरिक क्रियाओ तेज गति से होती है.

 

                       
एनारोबिक व्यायाम के अंतर्गत वेट लिफ्टिंग , स्प्रिंटर , पावर लिफ्टिंग आदि आते है यह एरोबिक के विपरीत होती है एनारोबिक व्यायाम की क्रिया बिना ऑक्सीजन की उपस्थिति में होती है जिसके कारण शरीर में प्राप्त मात्रा में ऊर्जा का संचार नहीं होता है जिसकी पूर्ति के लिए ग्लाइकोलाइसिस नामक एक प्रक्रिया शुरू होती है जिसके द्वारा ग्लाइकोजन को ग्लूकोस में तोड़ दिया जाता है जिसे चीनी के रूप में जाना जाता है जिसे हम ऊर्जा के रूप में बदल देते है जिससे मासपैसिओ की कोशिका तक बिना ऑक्सीजन के ऊर्जा की पूर्ति होती है पर एनारोबिक व्यायाम में होने वाली शारीरिक क्रियाओ कम समय तक ही की जाती है क्योकि शरीर में लैक्टिक एसिड बनता रहता है जिसके कारण शरीर जल्दी थक जाता है जिससे शरीर की क्रिया की गति धीमी पड़ जाती है और ऊर्जा की पूर्ति में भी कमी आती है लेकिन निरंतर प्रयास से इसमे वृद्धि हो जाती है जिससे एक नियमित समय तक हम एनारोबिक व्यायाम कर सकते है
 



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