वार्मअप क्रिया क्या होती है किस प्रकार की जाती है- vaarmap kriya kya hotee hai kis prakaar kee jaatee hai


आज का हमारा विषय वार्मिंग अप(गर्माने) है जिसमे हम आपको बतायगे की ये क्या होता  है इसको  कैसे करते है और इसके  फायदे क्या होते है और इसे  करना जरूरी क्यों है तो चलिये जानते है  



आज के इस युग में सभी स्वस्थ रहने के लिए रनिंग , जॉगिंग , जिमिंग , साइकिलिंग , योग आदि करते है वार्मअप को इन सभी से पहले किया जाता है जिससे हमारा शरीर इन सभी क्रियाओ के लिये तैयार हो जाता है जब भी हम कोई खेल , व्यायाम या शारीरिक क्रिया शुरू करते है या शारीरिक प्रसिक्षण करते है तो  हमारा शरीर सामान्य स्थिति में होता जिसके कारण हमारा शरीर  उन सभी क्रियाओ  के लिए उपयुक्त नहीं होता है उसके लिये हमे  अपनी मासपेशी व आंतरिक शारीरिक अंगो को गर्म करना पड़ता है जिसके बाद ही हमारा शरीर शारीरिक क्रिया करने के लिये तैयार होता है 

हमे अपने आंतरिक अंग को कार्य करने हेतु उपयुक्त बनाने के लिये कुछ सामान्य से व्यायाम करने होते है जो हमारे मासपेशी , जोड़ व आंतरिक अंगो को क्रियाओ के लिये उपयुक्त बनाते है जो सभी व्यायाम वार्मअप के अंतर्गत आते  है  सामान्य अवस्था में हमे ऊर्जा की जरूरत कम  होती है जबकि जब हम शारीरिक क्रिया जैसे कोई खेल खेलना , गतिशील क्रिया आदि करते है  तो ऊर्जा की जरूरत अधिक होती है इसके लिए हमारा ह्रदय की गति तेज हो जाती है 


जिसके कारण स्ट्रोक वॉल्यूम ( धड़कन ) बढ़ जाने के कारण फेफड़ो की गति भी बढ़ती है जिससे ऑक्सीजन ज्यादा प्राप्त होने के कारण रक्त का प्रवाह तेज होने से   ऊर्जा अधिक प्राप्त होती है तथा शारीरिक क्षमता में वृद्धि होती है तथा शरीर खेल, व्यायाम  या परीक्षण के लिये तैयार हो जाता है    


वार्मिंग अप  


वार्मिंग अप वह क्रिया जिसे हम किसी भी खेल शुरू करने से पहले खिलाडी  अपने शारीरिक अंगो को गर्म करने के लिए करते है जिससे हमारा शरीर सामान्य रूप से शारीरिक गति को अपनाता है  वार्मिंग अप के अंतर्गत हम जॉगिंग , स्ट्रेचिंग ,रस्सी कूदना , एरोबिक व्यायाम आदि मुख्य रूप से करते है जिनसे शारीरिक तापमान बढ़ता है तथा शरीर की कार्य क्षमता में भी वृद्धि होती है  


मासपेशी भी गर्म होकर  उपयुक्त संकुचन करती है  हमारे जोड़ भी उपयुक्त लचीले हो जाते है शरीर की गति में वृद्धि हो जाती है 


इसके अंतर्गत किये जाने वाले व्यायाम व् क्रिया की अवधि 5-10 मिनट की होती है इसके अंतर्गत केवल सामान्य सी क्रिया की जाती है जो शरीर को थकान न पहुचाये बल्कि शरीर की क्रिया क्षमताओ में वृद्धि करे यह मुख्य रूप से सभी खेल परीक्षण व अन्य भी सभी शारीरिक क्रियाओ से पहले की जानी अवश्य है इसके अंतर्गत हम मालिस भी कर सकते है क्योकि वह  भी शारीरिक को गर्म करके उपयुक्त बनाता  है इसका प्रभाव मुख्य रूप से आपकी तकनीक पर भी पढ़ता है   

  

वार्मिंग अप के प्रकार  


वार्मिंग अप दो प्रकार के होते है 


  1. सामान्य वार्मिंग अप ( General Warming up ) 
  2. विशेष वार्मिंग अप ( Specific Warming up )

 सामान्य वार्मिंग अप 

सामान्य वार्मिंग अप को  खिलाडी खेल अभ्यास के पहले करते है जो खिलाडी के समस्त शारीरिक अंगो को गतिशील तथा शारीरिक अंगो की गति में भी वृद्धि लाता है जिसमे खिलाडी  सामान्य क्रिया करता है जो उसके दैनिक क्रियाओ में सम्मिलित होती है जैसे- जॉगिंग , स्ट्रेचिंग आदि क्रिया जो शरीर को क्रियाओ के लिये उपयुक्त बनाता है  सामान्य वार्मिंग अप को एक साधारण खिलाडी द्वारा किया जाता है इसकी अवधि 5-10 मिनट की होती है 


विशेष वार्मिंग अप 

विशेष वार्मिंग अप को खिलाडी किसी प्रतियोगिता के होने से पहले करते है   करते है जो विशेष प्रकार से खिलाडी को शारीरिक व मानसिक रूप से  प्रतियोगिता के लिए तैयार करता है जिनमे खिलाडी थोड़ी दुरी की दौड़ , अन्य गतिशील खेल आदि सम्मिलित होता है जो की खिलाडी के कौशल के अनुसार की जाती है इसकी अवधि 10-15 मिनट की होती है  


वार्मिंग अप से होने वाले लाभ 


  • इसके द्वारा शरीर की भीतरी अंगो की क्रिया में वृद्धि होने के कारण भीतरी तापमान में वृद्धि          होती है                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  
  • इसके कारण मासपेशी में संकुचन बढ़ता है और मासपेशी में ऊर्जा भी प्राप्त मात्रा में आती है     
   
  • इसके द्वारा फेफड़ो की क्रिया भी बढ़ती है जिससे ऑक्सीजन प्राप्त मात्रा में कोशिका और  टिश्यू तक पहुंचकर शरीर को प्राप्त ऊर्जा प्रदान करता है    
                                                  
  • इसके द्वारा गति व लचक में भी वृद्धि होती है तथा हमारे प्र्दशन में भी सुधारआता है इसके    द्वारा चोट लगने की संभावना भी कम हो जाती है        
                                                                
  • यह शरीर में बनने वाले लैक्टिक एसिड को निकलकर शरीर को लम्बे समय तक कार्य करने    में सहायता करता है तथा थकान भी कम होती है जिससे शरीर में सहनशीलता बढ़ जाती है   और शारीरिक संतुलन भी बना रहता है                                                                                            
  • यह शरीर की सभी क्रियाओ में वृद्धि करके शरीर को लचीला , गतिशील व तनाव मुक्त करता है    

  • वार्मिंग अप के सभी व्यायाम व क्रियाओ को हम शरीर को स्वस्थ करने हेतु भी प्रयोग कर सकते  है                                                                                                                                                                                                     
  • इसकी सभी क्रियाओ को हमे धीरे-धीरे बिना थकान व बिना झटके के करनी चाहिए इसका प्रयोग हम केवल शरीर को लम्बे समय तक गति व शारीरिक क्रियाओ के लिये करते है  

मुझे आशा है की आपको मेरा आर्टिकल अच्छा लगा होगा अगर आपको अच्छा लगा हो तो कृपया कर कमेंट में लिखे या कोई सुझाव देना हो तो आप कमेंट जरूर करे में आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हु  

  


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