लचीलापन क्या है इसकी क्षमता कैसे बढ़ाये


 लचीलापन क्या है इसकी क्षमता कैसे बढ़ाये 


लचीलापन क्या है ( what is flexibility )

लचीलापन मुख्य रूप से सभी मनुष्य  के लिए आवश्यक क्षमता  है क्योकि हम अपनी सभी  दैनिक क्रिया ( जैसे- उठना, बैठना, झुकना , उठाना, चलना , कूदना , सीढ़ी पर चढ़ना उतरना इत्यादि)   इसकी मदद  करते है जिसको ये  आसान भी बनाता  है अन्य सभी क्षमता के मुकाबले लचीलापन सामान्य जीवन में ज्यादा लाभकारी क्षमता  होती  है पर्याप्त लचीलापन होने पर ही व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ रह सकता है एक स्वस्थ शरीर प्राप्त करने हेतु सभी व्यक्ति को पर्याप्त लचीलापन आवश्यक है  लचीलापन कितने प्रकार का  होते है 



Definition(परिभाषा )

लचीलेपन से अभिप्राय मुख्य रूप से हमारी जोड़ो में होनी वाली गति से होता है हमारे जोड़ो व मासपेशी की गति जितनी अधिक होगी उतनी ही उनमे लचक होगी जिससे उनका लचीलापन अधिक होता है जबकि कभी कभी हमारे शरीर की जोड़ व् मासपेशी  में अधिक लचक नहीं होती जिससे  हमारी  दैनिक क्रिया उपयुक्त रूप से नहीं हो पाती है अच्छा स्वस्थ प्राप्त करने हेतु जोड़ व मासपेशी में अच्छी गति व लचक होनी आवश्यक है




लचीलेपन  के फायदे  ( Banefit of fexibility )

लचीलेपन के विकास के कई फायदे है यह गति की सीमा को बढ़ाते है यह आपके जोड़ो और मासपेशी की गति को बढ़ाने में मदद करते है इसके सर्वाधिक फायदा खिलाडी को होता है लचीलापन खिलाडी की गति व खेल तकनीक में भी सुधार लाता  है 


यह आपके चोट के जोखिम को भी कम करते है क्योकि सभी खेल की क्रिया व हल-चल  मासपेशी व जोड़ो की गति व संकुचन पर निर्भर करती है जब किसी खिलाडी की मासपेशी प्राप्त रूप लचीली हो जाती है तो शारीरिक क्रिया के दौरान घायल होने की संभावना कम हो जाती है 


लचीलेपन के प्रकार ( Type of flexibilty )

  1. क्रियाशील लचीलेपन (Active Flexibility).                                          
  2. अक्रियाशील लचीलेपन (Passive Flexibility)


क्रियाशील लचीलापन (Active Flexibility)

इस प्रकार के लचीलेपन बिना किसी बाहरी सहायता के किये जाते है जो हमारे जोड़ व मासपेशी की गति को बढ़ाते है तथा शरीर को पर्याप्त लचक प्रदान करते है इस प्रकार के लचीलेपन में मुख्य कुछ  एरोबिक व्यायाम व व्यायाम सम्मिलित होते है जिनमे किसी बाहरी उपकरण की आवश्यकता न हो 


अक्रियाशील लचीलापन ( Passive Flexibility)

इस प्रकार के लचीलेपन में बाहरी सहायता की आवश्यकता होती है जिसके द्वारा हमारे जोड़ो व मासपेशी की गति को बढ़ाया जाता है जो हमारे शरीर को पर्याप्त लचक प्रदान करता है इस प्रकार के लचीलेपन में भी एरोबिक व्यायाम जैसे- दौड़ना , कूदना , साइकिलिंग। , स्ट्रेचिंग आदि सम्मिलित होते है 


लचीलेपन का विकास 

लचीलेपन में सुधार का एक तरीका है की हमे अपने दैनिक फिटनेस क्रियाओ  में खिचाव    वाले  व्यायाम को सम्मिलित करनाचाहिए   इन विधि के अंतर्गत हमे 6-8 सेकंड तक  मासपेशी  में अधिकतम खिचाव की क्रिया को अपनी शारीरिक योग्यता के अनुसार करना   चाहिए                                                                                                                                                                            
 हमे व्यायाम करने से पहला 2-4 मिनट तक वार्मअप करना चाहिए  जिससे हमारी मासपेशीओ  व्यायाम  करने  हेतु तैयार हो सके वार्मअप से हमारी मासपेशी गर्म हो जाती  जिसकेका व्यायाम या स्ट्रेच  के समय चोट  लगने की संभावना कम  हो जाती है ( इसे भी पढ़े - वार्मअप क्रिया क्या होती है किस प्रकार की जाती है)                                                                                                             

स्ट्रेच करते समय हमे केवल उस बिंदु तक जाना चाहिए  जहां हमे हल्का तनाव महसूस हो यदि आपको ज्यादा दर्द महसूस हो थो तो वहा रुके वरना वहा तक खींचे जहा तक आपको ज्यादा दर्द महसूस न  हो  वह पर 6-8 सेकंड रुके फिर धीरे-धीरे इसके समय को भी बढ़ा सकते है  इस क्रिया को हमे 4-8  बार  करनी चाहिए 4- हमे व्यायाम करने के बाद स्ट्रेच करना चाहिए क्योकि उस समय हमारी मासपेशी व जोड़  ढीली व तनावमुक्त होती है जो हमारे पर्दशन में सुधार करते है                                                                                                                
 मुख्य रूप से लचीलेपन  का विकास हम योग आसन  द्वारा करते  है योग आसन शरीर   की मासपेशी में खिचाव उत्प्रन करता है जिससे मासपेशी में स्ट्रेच उत्प्रन हो जाता है                           

सूर्य नमस्कार का नियमित प्रयोग करने से शरीर के समस्त अंग लचीले हो जाते है सूर्य नमस्कार की सभी क्रिया शरीर के समस्त अंगो को सुडोल व लचीले बनाते है साथ ही शरीर सकारात्मक  ऊर्जा प्रदान करते है ज्यादा जानकारी हेतु यहा क्लिक करे - सूर्यनमस्कार कैसे किया जाता है 




 हम अपनी सभी दैनिक  क्रिया को लचक के द्वारा करते है लचीलापन सबसे  अधिक उपयोगी क्षमता है क्योकि हम सभी शारीरिक क्रिया को करने के लिए आवश्य्क लचक होनी चाहिए हमारे शरीर को पर्याप्त लचीला होना चाहिए क्योकि आवश्य्क लचीलापन न होने पर हमे दैनिक क्रिया में असुविधा प्राप्त होती है शरीर को लचीला बनाने के लिए सूर्य नमस्कार , योग आसन , व्यायाम आदि क्रिया महत्वपूर्ण है 




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