Sports Training ( खेल प्रसिक्षण ) In Hindi


 खेल प्रसिक्षण  ( SPORTS TRAINING ) 


खेल प्रसिक्षण  अर्थ उचित तरिके या ढंग से खिलाडी के खेल को प्रभावित करना या आवश्य्क प्रसिक्षण प्राप्त कराना होता है जो खिलाडी के performance को प्रभावित करने या  बढ़ाने में आवश्य्क होता है साथ ही यह खिलाडी को उपयुक्त क्षमता व योग्यता में  भी विकास लाता है 


 खेल प्रसिक्षण , खिलाड़ियों को खेल कौसलो में निपूर्ण करने का प्रयास करता है जिसमे  खेल प्रसिक्षण  शारीरिक व मानसिक रूप से हमारी आदतों में परिवर्तन लाता है जिसके फलस्वरूप सभी खिलाडी की PERFORMANCE  में बढ़ोतरी होती है 


 खेल प्रसिक्षण खिलाडी को निम्न स्तर से सुरु होकर उच्च स्तर तक का प्रदर्शन प्राप्त कराता  है यह मूल रूप से हमारी क्षमता में सुधार लाता है  खेल प्रसिक्षण की कोई सिमित अवधि नहीं होती है यह कुछ हफ्तों , महीनो व सालो की हो सकती है 


 खेल प्रसिक्षण शैक्षिक व वैज्ञानिक सिद्वांतो के अनुसार ही खिलाडी को खेल कोसलों में निपुण बनाता है खेल प्रसिक्षण के फलस्वरूप हम खेल के दौरान होने वाली injury से भी अपना बचाव करता है 


 खेल प्रसिक्षण के लक्ष्य ( AIM OF SPORT TRAINING )



  • PHYSICAL FITNESS - खेल प्रसिक्षण के द्वारा खिलाडी की शारीरिक क्षमता में भी आवश्य्क बढ़ोतरी होती है जिससे उसका प्रदर्शन भी प्रभावित होता है  जिससे उसके शारीरिक व मानसिक दोनों रूप से विकास होता है      
                                                                                                                                   
  • TECHNICAL SKILL - खेल प्रसिक्षण के द्वारा खिलाडी को किसी भी खेल के कोसलो का अच्छे से अभ्यास कराया जाता है जिससे खेल प्रदर्शन में काफी सुधार होता है                
                                                   
  • MENTAL DEVELOPMENT  - किसी भी खेल में शारीरिक  के साथ साथ मानसिक क्षमता का भी योगदान बराबर होता है जो खिलाडी के प्रदर्शन को दर्शाता है साथ  उचित  से विकास भी होता है    
               
  • PERSONALITY DEVELLOPMENT - खेल प्रसिक्षण का आवश्य्क व लगातार प्रयोग करने हमारे खेल प्रदर्शन में सुधार होता है जिससे हमारे व्यक्तित्व में भी काफी सुधार आता है क्योकि लगातार  अच्छा प्रदर्शन करने से हमारा भरोसा बढ़ जाता है     
                                                                                                        
  • TECHNICAL EFFICENCY  -  किसी भी खेल में बेहतर प्रदर्शन  लिए जरूरी है की हमे उस खेल से सभी रूल व रेगुलेशन का ज्ञान होना जरूरी है जो हमारे खेल प्रदर्शन पर निर्भर करता है साथ ही हमे सभी खेल कोसलो का ज्ञान भी होना चाहिए 



 खेल प्रसिक्षण के उद्देश्य  ( 



  • PERSONALITY DEVELOPMENT - खेल प्रसिक्षण के द्वारा खिलाडी की शारीरिक क्षमता में भी आवश्य्क बढ़ोतरी होती है जिससे उसका प्रदर्शन भी प्रभावित होता है  जिससे उसके शारीरिक व मानसिक दोनों रूप से विकास होता है    
                                                                                                                   
  • MENTAL DEVELOPMENT - किसी भी खेल में शारीरिक  के साथ साथ मानसिक क्षमता का भी योगदान बराबर होता है जो खिलाडी के प्रदर्शन को दर्शाता है साथ  उचित  से विकास भी होता है 

                                   
  • DEVELOPMENT OF PHYSICAL EDUCATION - खेल प्रसिक्षण के द्वारा ही खिलाडी में उचित व आवश्य्क शारीरिक विकास होता है जो शारीरिक शिक्षा से अंतर्गत  आते है जिसके फलस्वरूप खिलाडी को शारीरिक शिक्षा का ज्ञान प्राप्त  होता है 

  • DEVELOPMENT OF SKILL - खेल प्रसिक्षण के द्वारा खिलाडी को खेल कोसलो  तकनीक का ज्ञान होता है जिससे खिलाडी को खेल कोसलो का भी विकास होता है जो उनके प्रदर्शन पर निर्भर करता है और आवश्य्क वृद्धि प्रदान करता है            


  •                                                                                                                                            
  • DEVELOPMENT OF ABILITY -  खेल प्रसिक्षण के द्वार खिलाडी की योग्यता में वृद्धि  होती है जिससे उसके प्रदर्शन पर भी काफी अच्छा प्रभाव होता है       

  •                                                                                                         
  • DEVELOPMENT OF TECHNIQUE  - खेल प्रसिक्षण के द्वारा ही खेल कोसलो को सही व निपूर्ण ढंग से करने में सहायता प्राप्त  होती है जो हमारी तकनीक में सुधार लाता है जिससे हमारा खेल प्रदर्शन भी  लेवल का हो जाता है 




  • PRINCIPLE OF SPORTS TRAINING


    • CONTINUITY - खेल प्रसिक्षण के द्वारा ही हमे खेल अभ्यास को रोजाना व लगातार करने की आदत हो जाती है  हमारा शारीरिक व मानसिक क्षमता में भी वृद्धि होती है साथ ही हमारी योग्यता में सुधार आता है जिससे हम खेल क्रियाओ को सही ढंग से अभ्यास के माध्यम से कर लेते है      
                     
                                 
    • OVERLOAD - खेल प्रसिक्षण में होने वाली सभी क्रियाओ की अवधि व कठिनता में भी वृद्धि करते रहना ही OVERLOAD कहलाता है जिसके फलस्वरूप हमारी क्षमता व योग्यता में काफी वृद्धि होती है जो हमारे प्रदर्शन के स्तर को काफी बड़ा देता है इसलिए हमे समय समय पर अपनी खेल प्रसिक्षण  के स्तर को बढ़ाते रहना चाहिए      
                                                                                                                                                
    • INDIVIDUAL DIFFERENCE - प्रतिएक व्यक्ति की क्षमता व योग्यता भिन-भिन होती है जिससे उनकी प्रसिक्षण प्रणाली के अंतर्गत भी क्षमता में भिन भिन वृद्धि होती है साथ ही उनकी खेल के प्रति रूचि भी भिन भिन होती है और योग्यता भी   
                                                                                                                                                               
    • PROGRESSION - प्रसिक्षण के दौरान सभी खिलाडी में होने वाली खेल कोसलो और तकनीक में भी वृद्धि बढ़ती रहती है     
                                                                                                                                                                            
    • VARIETY  - प्रसिक्षण को और बेहतर बनाने के लिए समय समय पर अपनी खेल क्रियाओ , कोसलो।  तकनीक में अलग - अलग तरह की क्रिया - कलापो को करना चाहिए जिससे उसका खेल बेहतर और रोमांचक बन सके          
                                                                                                                               
    • WARMUP & COOL DOWN - खेल प्रसिक्षण में काफी रूप से महत्व वार्मअप और कूल डाउन होते है जिनका काफी फर्क हमारी क्षमता व योग्यता पर पड़ता है जो हमारे प्रसिक्षण पर काफी प्रभाव डालता है 









    कोई टिप्पणी नहीं:

    एक टिप्पणी भेजें

    If you have any doubts, please let me know