व्यायाम का प्रभाव चेतना नियंत्रण संस्थान पर


 व्यायाम का प्रभाव चेतना नियंत्रण संस्थान पर


चेतना नियंत्रण संस्थान जिसको हम साधारण भाषा में तंत्रिका तंत्र संस्थान भी कहते हैं इनका कार्य मस्तिक से हमारे शारीरिक अंगों तक सूचनाओं को भेजना होता है  


स्नायु को कार्य करने के लिए सूचना या चेतना संचार की आवश्यकता पड़ती है अगर किसी अवस्था में है चेतना संचार मिलना बंद हो जाए तो उस स्थिति में हमारा शारीरिक अंग कार्य करना बंद कर देते हैं इस स्थिति को हम पैरालाइसिस भी कहते हैं उस स्थिति में मस्तिक से हमारे शारीरिक अंग का तालमेल बंद हो जाता है या उस स्थान का स्नायु तंत्र का कार्य नहीं करता 


यह दो प्रकार के होते हैं


मध्यवर्ती मध्य संस्था या सेंट्रल नर्वस सिस्टम


 पेरीफेरल नर्वस सिस्टम


मध्यवर्ती मजा संस्थान में मस्तिष्क एवं स्पाइनल कॉर्ड आती है एवं पेरीफनल सिस्टम मस्तिष्क एवं स्पाइनल कोड से कोर्ट से जुड़ा होता है


तंत्रिका तंत्र हमारे शरीर का नियंत्रण केंद्र होता है तंत्रिका तंत्र में मुख्य रूप से हमारा मस्तिष्क स्पाइनल कॉर्ड एवं नर्वस यानि नशे आती है


लगातार व्यायाम करने से हमारे तंत्रिका तंत्र पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है शरीर में संचरण की गति में वृद्धि आती है फेफड़ों की कार्य क्षमता भी बढ़ जाती है हृदय की गति में भी वृद्धि होती है जिससे हमारे तंत्रिका तंत्र का प्रवेश का प्रभाव पड़ता है तंत्रिका तंत्र का भी सूचना का आदान प्रदान बढ़ जाता है जिससे उसका शरीर पर नियंत्रण बढ़ जाता है


इसका प्रभाव स्माइल से जोड़ो जोड़ो से शरीर में शरीर के मुख्य अंगो पर पड़ता है हमारी कुछ नशे जो बहुत ही धीरे से कार्य करती है उनकी कार्य गति भी बढ़ जाती है व्यायाम करने से हमारे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ जाती है अर्थात हमारे फेफड़ों द्वारा तेज गति से कार्य करने पर कार्बन डाइऑक्साइड जैसे हमारे शरीर से बाहर निकल जाती है 

तथा ऑक्सीजन की क्षमता भी बढ़ जाती है हमारा हरदिया भी तेज गति से कार्य करता है उसके साथ ही हमारे हृदय में रक्त संचरण की क्षमता भी बढ़ जाती है शादी हमारी नशे भी जागृत रहती है


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