थकान एवं मानसिक थकान ( Fatigue & Mental Fatigue )


 थकान एवं मानसिक थकान ( Fatigue & Mental Fatigue )


थकान सबको साधारण भाषा में समझने के लिए हम अवस्था को समझते हैं जिसे हम थकान कहते हैं जब हम अपनी कार्य क्षमता से अधिक कार्य करते हैं तो उस समय हमारे शरीर में लैक्टिक एसिड (Lactic Acid) की मात्रा बढ़ जाती है जिससे हमारे शरीर में कार्य करने के लिए ऊर्जा की कमी होने लगती है उस अवस्था को हम थकान कहते हैं


थकान को कम करने के लिए हमें आराम व ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है ऊर्जा हमें भोजन , ऑक्सीजन  दोनों से प्राप्त होती है



मानसिक थकान (Mental Fatigue )


कभी-कभी हमारा शरीर कोई कार्य नहीं करता परंतु हमारा मन किसी भी कार्य में नहीं लगता मेरा मन पढ़ाई में लगता है ना किसी भी कार्य को करने के लिए लगता है उस स्थिति में हमें मानसिक थकान के स्थिति महसूस होती है 


मस्तिष्क के द्वारा ही में अपने पूरे शरीर को कंट्रोल करते हैं अगर हमारे मस्तिष्क में थकान की स्थिति पैदा हो गई तो उसका  प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ेगा


क्योंकि हमारे मस्तिष्क यमन के द्वारा ही हमारा शरीर संचालित होता है एक बार यदि हमारा शरीर थक जाए तब भी उसके पश्चात हम कार्य कर सकते हैं परंतु यदि हमारा मस्तिष्क थक जाता है तो उसके पश्चात हम उस कार्य को नहीं कर पाएंगे उसके लिए भी हमें आराम की जरूरत होती है उसे दूर करने के लिए




 



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