HISTORY OF GYMNASTICS IN HINDI


 HISTORY OF GYMNASTICS IN HINDI


जिमनास्टिक खेल का इतिहास काफी पुराना है जिमनास्टिक के इतिहास के बारे में प्राचीन सभ्यताएं जैसे कि चाइनीस पर्शियन ग्रीक और रोमन से पता चलता है। ग्रीक और रोमन मुख्य सचिव सभ्यताएं थी जिसके अंदर व्यायाम और शारीरिक विकास के लिए फिजिकल एक्सरसाइज की जाती थी। चाइना के इतिहास से मालूम पड़ता है कि यह पहला देश था जिसके अंतर्गत उनकी संस्कृति में फिजिकल शारीरिक व्यायाम सम्मिलित थे। उनका मानना था किस शारीरिक व्यायाम करने से व्यक्ति का मानसिक विकास होता है।


चाइनीस लोग जिम्नास्टिक को कुंग फू की कैटेगरी में गिनते थे। चाइना के अंतर्गत शारीरिक व्यायाम को चिकित्सा प्रणाली के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था। चाइनीस लोगों का विश्वास था कि अगर हम शारीरिक व्यायाम नहीं करेंगे तो हम बीमार रहेंगे। उन लोगों ने शारीरिक व्यायाम की एक पद्धति का विकास किया जिसके अंतर्गत खिंचाव और सांस रोकने वाले व्यायाम सम्मिलित किए जिसके द्वारा वह शरीर और दिमाग को तंदुरुस्त रख सकें।


चाइनीस सभ्यता की भांति पर्शियन और इंडियन सभ्यता के अंतर्गत भी शारीरिक व्यायाम के बारे में पता चलता है। उस समय जो इन देशों की सेनाओं में लोग होते थे वह योद्धा मिट्टी के बने हुए डमी हो घोड़ों पर तलवारबाजी की प्रैक्टिस किया करते थे और युद्ध के अनेक कौशल किया करते थे।


जिमनास्टिक की तकनीकों का सबसे अधिक प्रचार और प्रसार ग्रीक और रोमन सभ्यता के दौरान हुआ। वहां के व्यक्तियों ने जिमनास्टिक को अपने शैक्षणिक तंत्र में जोड़ा ग्रीक और रोमन के लोग मुख्य थे पुरुष शारीरिक व्यायाम करते थे। जिस जगह पर शारीरिक व्यायाम करते थे उसे जिम नहीं दिया कहा जाता था। जिसका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के एक्शन को सुधारना और सेना को ताकतवर बनाना था। गिरी के मशहूर लेखक और फिलॉसफर प्लेटो ने अपनी बुक द रिपब्लिक मैं लिखा था की वह शिक्षा किसी काम की नहीं जिसके अंतर्गत संगीत और जिमनास्टिक ना हो


जिम्नास्टिक शब्द यूनान के जिमनोज शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ होता है नेकेड या नग्न यूनान के लोग व्यायाम करते समय कोई कपड़ा नहीं पहनते थे जिस जगह वह लोग प्रेक्टिस किया करते थे उसे ज़िमनेजिया कहते थे गिरी के सभी शहरों में एक जिम्नेजियम होता था जहां पर लड़के और पुरुष शारीरिक व्यायाम करते थे। शारीरिक व्यायाम करना सभी मनुष्य के लिए अनिवार्य था जिम्नेजिया की बनावट आज के समय के ट्रक के समान हुआ करती थी। यह चारों तरफ से एक दीवार के अंदर होते थे। जिसके अंदर दौड़ और कूदने की प्रतियोगिताएं होती थी इसके साथ-साथ कुश्ती के लिए भी अलग से बड़े-बड़े हॉल हुआ करते थे। नहाने की व्यवस्था भी बड़ी उच्चकोटि की हुआ करती थी। राजा के बॉडीगार्ड यहां पर व्यायाम करते थे। जिम्नेजिया का रखरखाव जिम्नेजिआरचिज के द्वारा किया जाता था।


 जिसका चुनाव राजा या उसके सलाहकारों द्वारा किया जाता था। ग्रीक के दो स्टेट हुआ करते थे जिन्हें इसपार्ट ऑफ ऐथेस के नाम से जाना जाता है यह लोग आपस में हमेशा युद्ध करते रहते थे। इसलिए अपनी सेनाओं को मजबूत करने के लिए यह अपने योद्धाओं को भी शारीरिक व्यायाम कराते थे। महिलाओं और लड़कियों का मुख्यत गृह कार्य था। लड़कियों के लिए मनोरंजन का साधन मिट्टी और कपड़े से बनी गुड़ियों से खेलना था। यूनान के लोग अपना मनोरंजन युद्धबंदियों के मध्य होने वाले द्वंद युद्ध के साथ किया करते थे।


यूनान सभ्यता के कमजोर होने के पश्चात रोम के लोगों ने यूनान पर आक्रमण कर दिया और उसे जीत लिया यहां के लोग काफी शक्तिशाली हुआ करते थे। रूम के लोगों का मानना था कि यूनान की मिलिट्री का प्रशिक्षण उपयुक्त नहीं है। इसके बावजूद उन्होंने कुछ ऐसे व्यायामों को चुना जो यूनानी लोग भी किया करते थे।


 इन्होंने उन व्यायामों को चुना जिनके द्वारा सैनिकों में साहस का विकास करना, सहनशीलता का विकास करना और युद्ध के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों को चलाने का विकास करना आदि सम्मिलित था। रोमन साम्राज्य के अंतर्गत जितने भी जवान व्यक्ति होते थे सभी को आर्मी की सर्विस और ट्रेनिंग करनी पड़ती थी। वह जिमनास्टिक व्यायाम के द्वारा सभी निवासियों को युद्ध के लिए तैयार करते थे। रोमन भ्यता से विदित होता है कि उनके सैनिक युद्ध अभ्यास के लिए लकड़ी के घोड़ों का इस्तेमाल करते थे वह घोड़ों पर कूदना घोड़ों पर बैठकर तलवार चलाना और अनेकों युद्ध अभ्यास किया करते थे अतः हम कह सकते हैं कि आधुनिक युग में जिमनास्टिक के अंतर्गत इस्तेमाल किए जाने वाले पामेलहोरस और मोल्टिंग हॉर्स का आविष्कार उन्हीं लकड़ी के घोड़ों से हुआ।


यूनान और रोम की सभ्यता के कमजोर होने के बाद केवल शारीरिक व्यायाम ही बचे जिनके द्वारा शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए उपयोग होता था। काफी वर्षों के अंतराल के बाद यूरोप में दोबारा से व्यायामों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा। जिस प्रकार आने वाली सभ्यताओं ने नए नए विचारों को लोगों के सामने प्रस्तुत किया उसी प्रकार खेलों में भी नए नए प्रयोग की गई शिक्षा में अनेकों सुधार हुए उसके साथ-साथ शारीरिक व्यायामों को सुंदर और उपयुक्त बनाने के लिए और लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए नए नए प्रयोग किए गए। शारीरिक व्यायामों को विकसित करने के लिए यूरोप के देश जिनमें मुख्य थे जर्मनी, डेनमार्क, स्वीडन और कुछ दूसरे देशो का योगदान रहा। इन देशों के लोग अपनी सेना के प्रशिक्षण के लिए जिमनास्टिक के व्यायाम कर आने लगे।


सन 1774 में जॉन वैसडी (१७२३-१७९०) ने शारीरिक व्यायामों को स्कूल के प्रोग्राम में सम्मिलित किया। उनका मानना था कि जिमनास्टिक व्यायाम और खेल शरीर की सामान्य वृद्धि और विकास के लिए अति आवश्यक है। वैष्डो स्कूल में 3 साल पढ़ाने के पश्चात उन्होंने अपना स्वयं का स्कूल खोला जिसकी शुरुवात स्वफेनथल जर्मनी में हुई।


 Christopher Friederich gutsmuths (१७५९-१८३९) जिन्हें जिन्हें हम जिमनास्टिक के ग्रैंड फादर के नाम से भी जानते हैं ने जिमनास्टिक के विकास में अहम भूमिका निभाई इन्होंने जिमनास्टिक को लगभग 50 वर्षों तक सिखाया और अनेकों खेल और उपकरणों का निर्माण किया। उन्होंने अनेकों पुस्तकें लिखी जिसमें जिमनास्टिक फॉर यंग और नेचुरल जिमनास्टिक मुख्य हैं। गट्स मस का मानना था कि कमांड के द्वारा रेजिमेंट टेशन के द्वारा ग्रुप मार्चिंग और ड्रिल के द्वारा युद्ध की तैयारी नहीं की जा सकती। वह जीवन पर्यंत हेल्थी बॉडी और स्वस्थ दिमाग बढ़ाने वाले कार्यों में लगे रहे। फेडरिच गडसमथ के पश्चात फेडरिच लुडविग जोन (१७७८-१८५२) जिन्हें हम जिमनास्टिक के पिता के नाम से भी जानते हैं


 नए जिमनास्टिक के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया और इन्होंने गट्स मत के नियमों का पालन किया सन 18 सो 11 ईस्वी में इन्होंने जिमनास्टिक के अनेक क्लबों की शुरुआत की और जिमनास्टिक की अनेकों व्यायाम को शुरू किया उनका प्रशिक्षण मुख्य रूप से शक्ति के व्यायामों पर था। उनके प्रशिक्षण के अंतर्गत मांसपेशी ताकत को बढ़ाना था और व्यायामों को उपकरणों के ऊपर कराना था।

 

उन्होंने जिमनास्टिक के अनेकों उपकरण जैसे कि पैर लल बार, हॉरिजॉन्टल बार, Roman Reigns, हॉर्स और बैलेंस भीम का निर्माण किया। उन्होंने जिमनास्टिक की एक एसोसिएशन बनाई जिसका नाम जर्मन जिमनास्टिक एसोसिएशन था। उन्होंने अपने विचारों को यूरोप के अनेक देशों में अपनी बुक जर्मन नेशनलिटी के माध्यम से फैलाया। उनका दृढ़ विश्वास था की फिजिकल एजुकेशन तीन भागों में विभाजित होनी चाहिए जिसमें इलेक्ट्रिक एक्सरसाइजेज कंपलसरी क्लास एक्सरसाइजेज और खेल।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubts, please let me know