शरीर रचना विज्ञान एवं शरीर क्रिया विज्ञान


 शरीर रचना विज्ञान एवं शरीर क्रिया विज्ञान  (Anatomy & Physiology)


शरीर रचना विज्ञान एवं शरीर क्रिया विज्ञान को जानने मानव शरीर की जानकारी प्राप्त करनी अति आवश्यक है क्योंकि हमारा शरीर एक ऐसी मशीन है जो लगातार कार्य करने से और अधिक प्रभावशाली एवं कार्यशैली बनती है जबकि हम आधुनिक मशीन के बाद करें तो उसके लगातार प्रयोग करने से उसमें खराबी आती रहती है


 जबकि हमारे शरीर में ऐसा नहीं होता हम जितना अधिक अपने शरीर का प्रयोग करते हैं वह उतना ही अधिक स्वस्थ एवं प्रभावशाली होता है इसलिए मानव शरीर एक ऐसी मशीन है जो आधुनिक मशीन से काफी प्रभावशाली है 


जैसे हम अपनी दिनचर्या में उठना बैठना चलना फिरना कूदना खेलना आदि क्रियाओं का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए इन सभी क्रियाओं को करने से मानव शरीर अपने आपको कई रोगों से बचाव करने में सक्षम बना लेता है साथ ही साथ छोटी मोटी चोटों को सहने की क्षमता में भी काफी कारगर हो जाता है शरीर के अनेकों आंतरिक अंग जैसे हृदय फेफड़े आदि भी अधिक प्रभावशाली होते हैं 


तथा इनका मुख्य रूप से प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है मस्तिष्क को प्रभावशाली बनने से हमारी क्षमताओं में अर्थात हमारी मानसिक क्षमताओं में काफी सुधार आता है मानव शरीर के अनेकों अंग पर इसका प्रभाव पड़ता है 



शरीर रचना विज्ञान 


शरीर रचना विज्ञान के अंतर्गत हम मानवीय ढांचे का अध्ययन करते हैं इसके द्वारा हमें शरीर के विभिन्न भागों के ढांचे की जानकारी होती है तथा उसका हमारे शरीर से तालमेल के बारे में भी ज्ञान प्राप्त होता है उदाहरण के तौर पर हमारे शरीर के ढांचे अर्थात हड्डियां एवं मांसपेशियां जो मुख्य रूप से हमारे ढांचे का कार्य करती है उनकी जानकारी प्राप्त होती है हमारे जोड़ों की ,  हमारी हड्डियों की , एवं हमारी मांसपेशियों की . शरीर रचना विज्ञान को अंग्रेजी में एनाटॉमी कहा जाता है  



शरीर क्रिया विज्ञान 


शरीर क्रिया विज्ञान के अंतर्गत हमारे शरीर की क्रियाओं का ज्ञान होता है कि किस प्रकार हमारे अंग प्रक्रियाओं टिशू कोशिका एवं कोशिकाओं के भीतरी अनु किस प्रकार कार्य करते हैं हमारे भीतरी अंगों को किस प्रकार संतुलन में बनाए रखते हैं उनका हमारे भीतरी अंगों के साथ क्या कार्य है एवं भीतरी अंगों की क्रिया किस प्रकार होती है इन सभी का अध्ययन हम शरीर क्रिया विज्ञान यानी फिजियोलॉजी के अंतर्गत करते हैं इसके अंतर्गत हमारी कोशिकाएं, टिशू , ह्रदय , फेफड़े , पाचन तंत्र , स्वसन तंत्र , उत्सर्जन तंत्र एवं अन्य तंत्र किस प्रकार कार्य करते हैं एवं उनका आपस में क्या संबंध होता है




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