खेल प्रशिक्षण के सिद्धांत (Principal of Training Load)


 खेल प्रशिक्षण के सिद्धांत (Principal of Training Load)


खिलाड़ियों का प्रदर्शन मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें प्रशिक्षण देने वाला प्रशिक्षक कितना कुशल है वह खिलाड़ियों की त्रुटियों को या गलतियों को किस प्रकार से समझ रहा है और उन्हें सुधारने का किस प्रकार से प्रयास करा रहा है साथ ही वह खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए समय-समय पर कर रहा है साथ ही वह आवश्यक वैज्ञानिक सिद्धांतों का भी खिलाड़ी की ट्रेनिंग में प्रयोग कर रहा है या नहीं यह सभी निर्भर करता है 


प्रशिक्षण के सिद्धांतों के अनुसार ही प्रशिक्षण की प्रवीणता को हम समझ सकते हैं जिनका उल्लेख नीचे है 



खेल के अनुरूप (According to the game) - 


आप जानते होंगे कि सभी खेलों को खेलने का तरीका भिन्न-भिन्न होता है सभी खेलों  के अंदर कुछ ना कुछ अलग शारीरिक क्रियाएं देखने को मिलती है साथ ही अलग प्रकार की शारीरिक गतिविधियों के अनुरूप ही अलग-अलग प्रकार से कंपोनेंट ऑफ स्पोर्ट्स ट्रेनिंग का प्रयोग किया जाता है सभी खेलों के अंदर कौशल एवं प्रशिक्षणओं का प्रयोग अलग प्रकार से किया जाता है खेल प्रशिक्षक को उस खेल की आवश्यकता एवं खिलाड़ी के योग्यता को देखते हुए ही आवश्यक खेल प्रशिक्षण का प्रयोग करना चाहिए 



वैज्ञानिक सिद्धांत पर आधारित (Based on scientific principles) - 


आज के समय में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण को बेहतर बनाने के लिए बहुत प्रकार के वैज्ञानिक सिद्धांतों का प्रयोग किया जाता है इन वैज्ञानिक सिद्धांतों के अंदर कुछ वैज्ञानिक उपकरणों एवं वैज्ञानिक नियमों का प्रयोग करके खेल क्रिया को सरल बनाने एवं बेहतर प्रदर्शन का प्रयास किया जाता है एवं आज के समय में कुछ ऐसे वैज्ञानिक उपकरणों का आविष्कार हो गया है जिनकी सहायता से खिलाड़ियों की क्षमताओं का मापन किया जाता है एवं आवश्यक रूप से खिलाड़ियों की क्षमताओं को विकसित भी किया जाता है 




सरलता से जटिलता की ओर ( Easy to Hard Training) - 


सभी खिलाड़ियों को प्रारंभ में प्रशिक्षण के रूप में सरल एक्सरसाइज , सरल कौशलों का प्रयोग एवं सरल प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है जिसे समय समय के साथ एवं खिलाड़ी की योग्यता के साथ जटिलता की ओर बढ़ाया जाता है प्रारंभ में अभ्यास की संभावना भी कम होती है लेकिन धीरे-धीरे उसकी समय अवधि को बढ़ाया जाता है खिलाड़ियों को उनकी योग्यता के अनुसार ही जटिल प्रशिक्षण देना चाहिए हमें ध्यान में रखते हुए ही उसे एक्सरसाइज में परिवर्तन लाना चाहिए हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि खिलाड़ी उस प्रशिक्षण को अडॉप्ट करने के लिए एलिजिबल है या नहीं 




खिलाड़ियों की व्यक्तिगत भिन्नता (individual Difference of players) - 


प्रशिक्षण कार्यक्रम को तैयार करते समय एक प्रशिक्षक को इस तथ्य पर अपना अधिक ध्यान देना चाहिए की सभी खिलाड़ियों या छात्र की शारीरिक व मानसिक योग्यता भिन्न-भिन्न होती है अतः उनकी इन्हीं योग्यता क्षमताओं को समझते हुए उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए प्रारंभ में उन्हें एक समान रूप से सरल प्रशिक्षण देना चाहिए जिसके बाद धीरे-धीरे क्षमताओं को समझते हुए उन्हें अलग-अलग आवश्यक रूप से प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए 



खिलाड़ियों को कौशलों का ज्ञान प्रदान करना(imparting knowledge of skills to the players)


प्रशिक्षक कोर्स खेल से संबंधित सभी कौशलों का ज्ञान खिलाड़ियों को साधारण तरीके से बताना चाहिए अर्थात कौशलों का प्रस्तुतीकरण का तरीका बहुत ही सरल होना चाहिए जिससे खिलाड़ी आसानी से सरल तरीके से समझ पाए साथ ही अपने प्रशिक्षण के अंतर्गत खिलाड़ियों को सभी प्रकार की परिस्थितियों एवं वातावरण में परिवर्तन होने का भी ज्ञान प्रदान किया जाता है 



ट्रेनिंग लोड में परिवर्तन (Change in training load) - 


एक प्रशिक्षक को अपने ट्रेनिंग पीरियड के अंदर समय-समय पर खिलाड़ियों के ट्रेनिंग लोड को बढ़ाना चाहिए अर्थात खिलाड़ी को दिए जाने वाले प्रशिक्षण में बढ़ोतरी करनी चाहिए जिससे खिलाड़ी में आवश्यक रूप से प्रशिक्षण में सुधार आ जाए एवं खिलाड़ी की क्षमता व योग्यता भी सुधर सके 



त्रुटियों को सुधारना (Correction of errors


एक प्रशिक्षक को खिलाड़ी द्वारा किए जाने वाली सभी खेल क्रियाओं को स्लोवे तकनीकों को सही रूप से देखना चाहिए यदि खिलाड़ी द्वारा कहीं भी गलती के जारी है तो उसकी गलती को सुधारना चाहिए 




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