what is psychology and sports psychology in hindi


 मनोविज्ञान(Psychology)


What is Psychology in hindi 

what is sports psychology 

what is sports psychology in hindi  


what is psychology  and sports psychology in hindi  

आज के इस युग में खेलकूद से संबंधित क्रियाओं की इच्छा रखने वाले खिलाड़ियों की संख्या में वृद्धि हुई है अर्थात आज के समय में खेल लोकप्रिय हो गया है साथी समय-समय पर अनेकों प्रकार के खेल प्रतियोगिताएं भी होते हैं इस में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की संख्या में भी बहुत वृद्धि होती जा रही है जिससे खिलाड़ियों में दबाव बना रहता है जिससे उनके प्रदर्शन पर एक नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है स्थिति में एक प्रशिक्षक का कार्य और भी कठिन हो जाता है आज के इस युग में प्रशिक्षक का कार्य केवल खेल क्रियाओं के कौशलों का ज्ञान ही नहीं बल्कि खिलाड़ियों को मानसिक रूप से भी तैयार करना हो गया है


ऐसा एक प्रशिक्षक केवल तभी कर सकता है जब वह खेल मनोविज्ञान के ज्ञान से परिचित हो


खेल मनोविज्ञान का विषय आज बहुत ही महत्वपूर्ण बन गया है खेल विज्ञान के बारे में चर्चा करने से पहले हम मनोविज्ञान के बारे में चर्चा करेंगे




मनोविज्ञान(Psychology)


मनोविज्ञान के अंतर्गत व्यक्ति के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है प्रारंभ में इस आत्मा मन आदि के विज्ञान के अध्ययन के रूप में जाना जाता था परंतु उनके बारे में अधिक अध्ययन न कर पाने के पश्चात इसे व्यवहार के विज्ञान के रूप में जाना जाने लगा


क्योंकि हम व्यवहार को अध्ययन प्रणाली के रूप से समझ सकते हैं व्यक्ति के व्यवहार का अध्ययन किया जाना संभव होता है व्यवहार के माध्यम से व्यक्ति के मस्तिष्क में चल रहे विचारों को जाना संभव हो गया है


मनुष्य विभिन्न प्रकार की स्थितियों में प्रकार के भाव को व्यक्त करता है जो उसके व्यवहार में दिखाई देते हैं दुख जलन खुशी डर अनेकों प्रकार के भावनाएं


सभी मनुष्य के मानसिक वे शारीरिक शक्ति भिन्न-भिन्न होती है कुछ व्यक्तियों में कम में कुछ व्यक्तियों में यह क्षमता है अधिक होती है कुछ व्यक्तियों के चिंतन क्षमता कम होती है वहीं कुछ व्यक्तियों के चिंतन क्षमता अधिक होती हैं कुछ बत्ती चिंतन के समय अनेकों प्रकार की क्रियाओं को भलीभांति कर सकते हैं वहीं कुछ व्यक्ति चिंतन के कारण अनेकों प्रकार की क्रियाओं को भलीभांति नहीं कर पाते उनसे अभिक्रिया सही प्रकार से नहीं हो पाती अर्थात उनके मानसिक क्षमता का विकास भली-भांति नहीं हो पाता सभी उनकी मानसिक क्षमता पर ही निर्भर करता है


कुछ व्यक्ति विभिन्न निर्णय के समय अपनी बुद्धि का सही प्रयोग कर पाते हैं


विभिन्न प्रकार की स्थिति परिस्थिति में व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले व्यवहार के अध्ययन को ही मनोविज्ञान कहा जाता है मनोविज्ञान के अंतर्गत ही खिलाड़ी विद्यार्थी या व्यक्ति की मानसिक क्षमता व्यवहार अधिक अध्ययन किया जाता है


मानव के विकास की प्रक्रिया में शिक्षा का अपना विशेष महत्व माना जाता है शिक्षा का संबंध प्रत्यक्ष रूप से मानव के विकास से होता है


मानव के व्यवहार का अध्ययन उसके परिस्थिति के अनुसार होता है यह स्थिति परिस्थितियों के स्वयं के द्वारा ही निर्मित की जाती है


मनोविज्ञान का संबंध मानव के व्यवहार से होता है उसके द्वारा प्राप्त किए गए अनुभवों से होता है



शिक्षा एवं मनोविज्ञान का आपसी संबंध


शिक्षा एवं मनोविज्ञान का आपसी संबंध शिक्षा मनोविज्ञान के रूप में जाना जाता है


शिक्षा के आधार पर किसी भी व्यक्ति के जीवन का सर्वांगीण विकास होता है उसमें नैतिक व सामाजिक गुण विद्वान हो जाते हैं शिक्षा के माध्यम से ही मनुष्य को विभिन्न प्रकार का लाभ प्राप्त होता है


यदि हम शिक्षा के साथ मनोवैज्ञानिक कारको काफी प्रयोग करें तो हम किसी भी व्यक्ति विद्यार्थी खिलाड़ी विशेष प्रकार के गुणों के लाभ प्राप्त करा सकते हैं मनोविज्ञान के प्रयोग से मनुष्य के मस्तिष्क का अध्ययन किया जाता है जो कि उसके व्यवहार आंतों में आचरण में भली-भांति देखने को मिल जाता है


शिक्षा मनोविज्ञान के आधार पर किसी भी व्यक्ति के मस्तिष्क का विकास आसानी से किया जा सकता है उसके लिए मनोविज्ञान का ज्ञान होना जरूरी होता है


शिक्षा मनोविज्ञान के प्रयोग से शैक्षिक क्रियाएं आसान हो जाती है बच्चों को उनकी योग्यता क्षमता के आधार पर शैक्षिक तकनीक का प्रयोग कर आसानी से समझाया जा सकता है 



खेल मनोविज्ञान (Sports Psychology)


आज मानव के जीवन से संबंधित सभी क्षेत्रों में मनोविज्ञान की आवश्यकता पड़ती है सभी प्रकार के व्यवहार संबंधी समस्याओं को सुलझा लेने के लिए मनोविज्ञान की आवश्यकता पड़ती है


आज के समय में खेलकूद की क्रियाओं का प्रयोग केवल मनोरंजन तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि खेलकूद क्रिया उसे मान सम्मान में जीविका कमाने हेतु दी प्रयोग किया जाता है


खेल क्रियाओं में खिलाड़ी न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ होकर ही खेल क्रियाओं के सभी कौशल में क्रियाओं को सही प्रकार से करने के लिए सक्षम बन पाते हैं खेल खेल एवं अनेकों प्रकार के दबाव की स्थिति उत्पन्न होती है यदि कोई खिलाड़ी कौन दबाव वह में सही प्रकार से प्रदर्शन नहीं कर पाता तक खेल क्रियाओं को सही प्रकार से नहीं कर पाता तो है अभी खेल क्रियाओं में होने वाले दबाव को सहने हेतु मानसिक रूप से विकसित नहीं हुआ है


तैयार करने के लिए प्रशिक्षकों मनोविज्ञान ज्ञान होना आवश्यक होता है इस प्रकार के ज्ञान के माध्यम से ही प्रशिक्षण के व्यवहार एवं उनके प्रवृत्तियों को भलीभांति समझ सकता है उसके उपरांत ही वह खिलाड़ियों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान कर सकता है खिलाड़ी में कुशल परिणामों को प्राप्त करने हेतु विश्वास पैदा होता है


सभी खिलाड़ियों की शारीरिक व मानसिक क्षमता भिन्न-भिन्न होने के कारण ही उन्हें आवश्यक रूप से ऐसा प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है जो उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएं पुणे खेल क्रियाओं प्रतियोगिता के दौरान अनेकों प्रकारों के दबाव में भी कुशल प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित कर सकें


खेल मनोविज्ञान के प्रयोग से खिलाड़ी के खेल के नियमों के दौरान के जाने वाली गलतियों को भाप कर समझ कर उन्हें आवश्यक रूप से सुधारात्मक प्रशिक्षण प्रदान करना


खेल मनोविज्ञान का महत्व (Importance of Sports Psychology)


खेल मनोविज्ञान के आधार पर खिलाड़ी की मानसिक क्षमता का आकलन किया जाता है


खेल मनोविज्ञान के आधार पर ही खिलाड़ियों का अनेकों प्रकारों को गुणों का विकास किया जाता है


खेल मनोविज्ञान के सहायता से ही प्रशिक्षक खिलाड़ी के नकारात्मक परिस्थितियों में भी सकारात्मक परिणाम जलाने को प्रेरित करता है


खेल मनोविज्ञान के माध्यम से ही खिलाड़ी में मानसिक क्षमता का विकास किया जाता है उसे अच्छा प्रदर्शन प्रदान करने हेतु आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त कराया जाता है


खेल मनोविज्ञान का सीधा सा प्रभाव खिलाड़ी के प्रदर्शन पर पड़ता है एक खिलाड़ी को बेहतर कराने हेतु खेल मनोविज्ञान का कार्य विशेष योगदान होता है एक कुशल प्रशिक्षक को खेल मनोविज्ञान का ज्ञान होना काफी आवश्यक होता है 




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