रक्त क्या है , रक्त के प्रकार , रक्त की सरचना ,रक्त के कार्य


                                               रक्त (Blood)


रक्त क्या है (What is Blood)


 रक्त मानव शरीर में बहने वाला जीवनदाई  द्रव्य होता है इसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं है शरीर की सभी कोशिकाओं पहुंचाने का कार्य हमारा दिल करता है तथा उन कोशिकाओं तक ऑक्सीजन और भोजन को पहुंचाता है इसके साथ ही रक्त में कार्बन डाइऑक्साइड जैसे अवशेष पदार्थों को बाहर निकाल लेने का कार्य भी रखते ही करता है रक्त हमारे शरीर में  रोगाणुओं  से भी लड़ता है तथा शरीर के  कई कार्यों को पूरा करने वाले रसायनों को को भी शरीर तक पहुंचाता है रक्त के अंदर कोई ऐसे तत्व होते है जो टूटी हुई रक्त नालियों का मार्ग रोकते हैं जिस से चोट के दौरान हमारा ज्यादा रक्त बहने से मौत ना हो जाए 


रक्त प्लाज्मा एवं रक्त कणों से मिलकर बनता है प्लाज्मा सरल सरल माध्यम है जिससे रक्त कण तैरकर   शरीर के सभी अंगों को पहुंचाता हैं प्लाज्मा के माध्यम से ही आंतो से शोषित पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुंचाया जाता है  


 रक्त कन तीन प्रकार के होते हैं 


लाल रक्त कणिका (Red Blood Cell )


श्वेत रक्त कणिका ( White Blood Cell )


प्लेटलेट्स (Platelets) 



लाल रक्त कणिका (Red Blood Cell ) 


लाल रक्त कणिका स्वसन तंत्र से ऑक्सीजन को लेकर शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाती है साथ ही शरीर में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड गैस को भी शरीर के सभी अंगों से लेकर वापस स्वसन तंत्र तक बाकी है

लाल रक्त कणिका में मुख्य रूप से हिमोग्लोबिन पाया जाता है किसी के द्वारा ही रक्त को लाल ने प्रदान होता है प्रत्येक लाल रक्त कोशिकाओं के बाहर  झल्ली होती है जिसकी सहायता से यह कोशिकाएं किसी भी रक्त नलिका ओं में घुस जाती है 


श्वेत रक्त कणिका ( White Blood Cell )


स्वेत रक्त कणिका हानिकारक तत्वों तथा बीमारि पैदा करने वाले जीवाणुओं से हमारे शरीर की रक्षा करते है संक्रमण से तथा शरीर में घुसने वाले अन्य हानिकारक तत्वों से लड़ती है ज्यादातर कोशिकाये गोल तथा रंगहीन होती है कुछ कोशिकाये बैक्टीरिया को घेर कर उन्हें चट कर जाते है ये कोशिकाय एंटीबाडीज बनाती है ऐसे प्रोटीन जो बैक्टीरिया , वायरस तथा अन्य हमलावर को खत्म करते है जो शरीर में प्रवेस कर जाते है 


प्लेटलेट्स (Platelets) 


प्लेटलेट्स का मुख्य कार्य रक्त वाहिनियों की सुरक्षा तथा खून बनाने में सहायक होते है साथ ही चोट लगने पर बहने वाले खून को रोकना अर्थार्त कटी हुई रक्त नलिकाओं के किनारे से एक दूसरे से जुड़कर प्लग बनाते है जिससे खून का थक्का बन जाता है 



रक्त की सरचना (Structure of Blood)


रक्त में आधे से ज्यादा 55-60 % तरल भाग होता है जो प्लाज़मा कहलाता है शेष 40-45 % रक्त कोशिकाओं का ठोस भाग होता है प्लाज्मा चिपचिपा , भूरे रंग का पारदर्शक तरल होता है जिसमे विभिन प्रकार की रक्त कोशिका होती है 


प्लाज्मा में पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो लगभग 90-92 % भाग जल और शेष भाग में ठोस पर्दार्थ होते है जो प्लाज्मा में घुली हुई अवस्था में होते है इनके अतिरिक्त प्लाज्मा में ऑक्सीजन , कार्बन - डाई ऑक्साइड तथा नाइट्रोजन गैस भी घुली हुई पायी जाती है प्लाज्मा हार्मोंस का वाहक भी है जो विकास तथा अन्य शारीरिक गतिविधिओ में सहायक है इन पर्दार्थो में ऐसे प्रोटीन पाए जाते है जो थक्का बनाने में तथा संक्रमण से लड़ते है 



रक्त के कार्य (work of Blood)


शरीर में रक्त का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण होता है जो निम्न प्रकार है 

1- रक्त शरीर की सभी कोशिकाओं में जाकर ऑक्सीजन एवं भोजन , आवश्य्क पर्दार्थो को पहुंचाता है साथ ही कार्बन-डाई ऑक्साइड एवं अवशेष पदार्थों को बाहर निकाल लेने का कार्य भी करती है जिससे वे स्वशन निकास के दौरान शरीर से बहार निकल जाते है 


2- रक्त हमारे शरीर के तामपान को भी नियंत्रित रखते है 


३- रक्त श्वसन क्रिया के दौरान ऑक्सीजन को शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुंचाते है 


4- शरीर के विभिन अंग जो पर्दार्थ त्याग देते है रक्त उन्हें एकत्रित करके उतसर्जि अंगो गुर्दो तक पहुंचाता है 


5- रक्त शरीर के  सभी अंगो की कोशिकाओं की मरम्मत करते है तथा कोशिका विभाजन की अवस्था में नष्ट हुई कोशिकाओं की  सफाई करती है 


6- रक्त के माध्यम से शरीर का परिसंचरण निरंतर जारी रहता है जिससे अंगो का आपस में संबंध बना रहता है 


7- रक्त शरीर में मौजूद टूटी फूटी तथा मृत कोशिकाओं को यकृत और पलीमा में पहुंचाते है जहा उन्हें नस्ट करके शरीर से भर निकास कर दिया जाता है 


8- रक्त ऐसे पर्दार्थ का वाहक करता है जो चोट लग जाने से किसी वाहिनी के फट जाने पर रक्त को जमा देते है जिसे हम रक्त का टक्का कहते है जिससे रक्त का निष्कासन रुक जाता है 





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